

‘A reward of Sewa is more Sewa’
स्वामीजी के इस प्रेरणास्पद ध्येय वाक्य को साकार करने के उद्देश्य से हमने गीता पढ़ना आरम्भ किया। किंतु गीता साधना का वास्तविक मार्ग सेवा से होकर गुजरता है। केवल गीता का अध्ययन करना ही पर्याप्त नहीं, बल्कि साधकों की सेवा करना, उन्हें गीता पढ़ने और आत्मसात करने में सहायता प्रदान करना भी गीता साधना का अभिन्न अंग है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए ‘आओ गीता सेवी बनें’ कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जो लर्नगीता के L1 स्तर की कक्षाओं के दौरान संपन्न होता है।
कार्यक्रम की अवधारणा और संरचना
इस कार्यक्रम में लर्नगीता के प्रमुख ग्यारह विभागों का संक्षिप्त परिचय दिया जाता है। इनमें यह बताया जाता है कि इन विभागों से कैसे जुड़ा जाए, कार्य करने की समय-सीमा और विधि, शैक्षणिक उपलब्धियां, और प्रत्येक विभाग के मुख्य कार्य क्या हैं। कार्यक्रम हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में आयोजित किया जाता है, ताकि साधकों को उनकी सुविधा के अनुसार भाषा में इसे समझने का अवसर मिले। यदि कोई साधक दोनों भाषाओं का लाभ उठाना चाहे, तो उनके लिए यह कार्यक्रम अलग-अलग दिनों में आयोजित किया जाता है।
भाग लेने वाले विभाग
कार्यक्रम में प्रमुख विभागों को शामिल किया गया है, जैसे:
1. कॉलिंग और सहायता विभाग
2. तकनीकी विभाग
3. समूह समन्वयक विभाग
4. प्रवेश विभाग
5. रचनात्मक लेखन विभाग
6. ग्राफिक्स और एनीमेशन विभाग
7. सॉफ्टवेयर विकास विभाग
8. ऑफलाइन गीता स्टोर विभाग
9. बाल सखा विभाग
10. प्रचारक विभाग
11. प्रशिक्षक विभाग
इन सभी विभागों के कार्यकर्ता कार्यक्रम में उत्साह और समर्पण के साथ भाग लेते हैं।
कार्यक्रम का संचालन
हर कार्य के लिए एक टीम का गठन किया जाता है, जिसमें सभी की सहमति और समय की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए कार्यों का नियोजन किया जाता है। प्रत्येक विभाग के लिए एक समन्वयक नियुक्त किया जाता है, जो अपनी जिम्मेदारियों को प्रसन्नता और समर्पण के साथ निभाता है। हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में एक-एक प्रतिनिधि का चयन किया जाता है, जो कार्यक्रम के संचालन में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत एक स्क्रिप्ट के साथ होती है, जिसे प्रतिनिधियों द्वारा चुनी गई भाषा के अनुसार प्रस्तुत किया जाता है। स्क्रिप्ट पर विशेष टीम काम करती है और इसे अंतिम रूप देने के बाद ही कार्यक्रम के लिए उपयोग किया जाता है।
कार्यक्रम का आयोजन और उत्साहपूर्ण वातावरण
‘आओ गीता सेवी बनें’ के दिन की प्रतीक्षा सभी कार्यकर्ताओं और साधकों में उत्साह और रोमांच भर देती है। सूत्रधार पूरे कार्यक्रम को एकसूत्र में पिरोने का कार्य करते हैं। तकनीकी टीम अपने कौशल से कार्यक्रम को बिना किसी रुकावट के सफल बनाती है।
कार्यक्रम में आदरणीय आशू भैया और संजय भैया विशेष रूप से उपस्थित रहते हैं, जो साधकों का उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन करते हैं। उनके प्रेरणास्पद शब्द साधकों के मन में सेवा के प्रति समर्पण की भावना को और अधिक सुदृढ़ करते हैं।
कार्यक्रम की सफलता और समर्पण
कार्यक्रम की सफलता के पीछे एडमिन टीम, विभाग समन्वयक, स्क्रिप्ट अप्रूवल टीम, तकनीकी टीम और विभाग प्रतिनिधियों सहित लगभग 55 से 60 कार्यकर्ताओं की निष्ठा और समर्पण होता है। कार्यक्रम के अंत में साधकों द्वारा भरे गए फॉर्म संबंधित समन्वयकों को सौंपे जाते हैं, और वहीं से साधकों को ‘सेवी’ बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ होती है।
महायज्ञ में सहभागिता का आह्वान
यह कार्यक्रम न केवल सेवा का एक साधन है, बल्कि गीता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का एक महायज्ञ भी है। भगवान श्रीकृष्ण के इस वचन को ध्यान में रखते हुए:
“य इमं परमं गुह्यमं, मद्भक्तेष्वभिधास्यति।
भक्तिं मयि परां कृत्वा, मामेवैष्यत्यसंशयः।।”
(जो भक्त इस गुप्त संवाद को मेरे अन्य भक्तों तक पहुंचाएगा, वह पराभक्ति प्राप्त कर निःसंदेह मुझ तक पहुंच जाएगा।)
यदि आप भी इस सेवा महायज्ञ का भाग बनना चाहते हैं और अपनी सेवा भगवान के चरणों में अर्पित करना चाहते हैं, तो आज ही अपना फॉर्म भरें: sewa.learngeeta.com
आओ, गीता सेवी बनें और अपने जीवन को सेवा, साधना और समर्पण से परिपूर्ण करें।